धरा पर कहीं बाद में प्रेयसी की आँखों में वसंत पहले उतरता है। धरा पर कहीं बाद में प्रेयसी की आँखों में वसंत पहले उतरता है।
तेरा रूप समेटकर खुद में, गीत नया बनाऊँ मैं, जब भी तुम आओ सामने नित् नया सुनाऊँ मैं , तेरा रूप समेटकर खुद में, गीत नया बनाऊँ मैं, जब भी तुम आओ सामने नित् नया...
चाहत होती हर एक पिता की, छुए उच्च शिखर उसकी संतान। चाहत होती हर एक पिता की, छुए उच्च शिखर उसकी संतान।
मूक रहो कुछ ना बोलो, तब भी सब समझ ही जाते हैं हम नही समझते हैं कुछ भी, ये सोच के सब इठलाते हैं मूक रहो कुछ ना बोलो, तब भी सब समझ ही जाते हैं हम नही समझते हैं कुछ भी, ये सोच...
दोनों आँखों की पुतली में अपने प्रेम की ज्योति जलाए रखना ! दोनों आँखों की पुतली में अपने प्रेम की ज्योति जलाए रखना !
कौन है वो शायद असफल अपनी जिंदगी से नहीं अपनी किस्मत से वो जीतना चाहता कौन है वो शायद असफल अपनी जिंदगी से नहीं अपनी किस्मत से वो जीतना चाहत...